हनुमानगढ को प्राचीन सभ्यता की भूमि कहा जाता है ।कालीबंगा,पीलीबंगा,पल्लू आदि सभ्यताएं यहां मिली है।हनुमानगढ़ की ये सभ्यताएं घग्घर नदी के किनारे पर पनपी थी ! हनुमानगढ 12जुलाई 1994 को राजस्थान का 31वा जिला बना था! इसे गंगानगर से अलग करके बनाया गया था!
प्राचीन समय में श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ को सम्मिलित रूप से योधय प्रदेश कहा जाता था! क्योंकि पुराने समय में यहां पर युद्ध प्रिय जातियां निवास करती थी!
हनुमान गढ़ में एकमात्र बहने वाली नदी,घग्घर नदी है!इस नदी का उदगम हिमाचल प्रदेश में कालिका माता पहाड़ी से होता है! राजस्थान में यह नदी तलवाड़ा गांव के पास टिब्बी तहसील से हनुमानगढ़ में प्रवेश करती है! हनुमानगढ़ से आगे यह नदी श्रीगंगानगर में जाती है। जब भारी वर्षा होती है तब इस नदी का पानी पाकिस्तान के फोर्ट अब्बास तक चला जाता है!
घग्घर नदी एक आंतरिक अपवाह प्रणाली की नदी है!बाढ आने पर इसका पानी फोर्ट अब्बास तक पहुंच जाता है! हनुमानगढ़ तथा गंगानगर में घग्घर नदी का अपवाह का भाग नाली प्रदेश कहलाता है!
हनुमान गढ़ का किला (भट्टनेर का दुर्ग)
मंगलवार के दिन इस दुर्ग पर बीकानेर के राजा सूरज सिंह ने अधिकार कर लिया था अतः यह दुर्ग भगवान हनुमान के नाम पर हनुमानगढ़ कहलाया!
भट्टनेर दुर्ग की नींव सन् 298 ईसवी में भाटी वंश के राजा भूपत ने रखी थी!
भट्टनेर दुर्ग राजस्थान का सबसे पुराना दुर्ग है! राजस्थान में बनने वाला प्रथम दुर्ग!
भट्टनेर दुर्ग मिट्टी से बना हुआ हैं! राजस्थान में मात्र दो दुर्ग ही ऐसे है जो मिट्टी से बने हुए हैं। 1.हनुमानगढ़ का भट्टनेर दुर्ग 2. भरतपुर का लोहागढ़ दुर्ग !
हनुमानगढ़ के प्रमुख मंदिर
०1. गोगामेड़ी का मंदिर
यह लोकदेवता गोगा जी का मंदिर है, जो हनुमानगढ़ के नोहर नामक स्थान पर है! गोगाजी को "जाहरपीर"और "सर्पो का देवता" भी कहते है! गोगामेड़ी का यह मंदिर मकबरेनुमा है, जिसका निर्माण फिरोज खां तुगलक ने करवाया था!
इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर बिस्मिल्लाह की आकृति चित्रित है! इस मंदिर में गोगाजी की समाधि है! और मंदिर के बाहर गोगानवमी को मेला भरता है! इस मंदिर का पुजारी ग्यारह महीने तक मुस्लिम बनता है और एक महीने तक हिन्दू बनता है!
गोगाजी का 15वा वंशज कायमसिंह था, जिसने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया था! कायम सिंह के वंशज कायमखानी मुस्लिम कहलाते है,इसी कारण इस मंदिर में पुजारी मुस्लिम है!
०2. सिलामाता मंदिर
यह मंदिर हनुमानगढ़ में घग्घर नदी के किनारे पर बना हुआ है! इस मंदिर में श्रद्धालु चर्म रोग को दूर करने के लिए सिला माता को नमक का पानी चढ़ाया करते है! मुस्लिम धर्म के लोग सिला माता की पूजा करते है और सिला माता को सिलापीर कहते है! सिला माता का मेला "भाद्र पद सुक्ला एकादशी" को लगता है!
०3. भद्रकाली माता का मंदिर
यह राजस्थान का "एकमात्र भद्रकाली माता का मंदिर" है! जो हनुमानगढ़ के अमरपुरा गांव में स्थित हैं! इस मंदिर का निर्माण बीकानेर के राजा रामसिंह ने करवाया था! इस मंदिर में काली माता की मूर्ति की पूजा अर्चना की जाती है!
०4.ब्राह्मणी माता का मंदिर
यह मंदिर हनुमानगढ़ के पल्लू गांव में स्थित है! इस मंदिर में ब्राह्मणी माता का मेला हर महीने की 'अष्टमी और नवमी' को लगता है।
Note....ब्राह्मणी माता का मंदिर सौरसैन(जिला बारा) में भी है! सौरसैन में ब्राह्मणी माता की पीठ की पूजा होती है!
०5.गुरुद्वारा कबूतर साहिब
गुरुद्वारा कबूतर साहिब नोहर हनुमानगढ़ में स्थित है!सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह यहां पर आए थे, और उनकी स्मृति में यह गुरुद्वारा बनवाया गया था!
०6.गुरुद्वारा सुखा सिंह मेहताब
गुरुद्वारा सुखा सिंह मेहताब हनुमानगढ़ शहर में स्थित है! भारत-पाकिस्तान बंटवारे में यह गुरुद्वारा पाकिस्तान में चला गया था अतः इस गुरुद्वारे की स्मृतियां यहां लाकर हनुमानगढ़ जिले में गुरुद्वारा सुखा सिंह मेहताब का निर्माण करवाया गया! वर्तमान में यह गुरुद्वारा हनुमानगढ़ में स्थित है!
हनुमानगढ़ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
1.पल्लू गांव (हनुमानगढ़)
हनुमानगढ़ के पल्लू गांव से सरस्वती माता की दो जैन मूर्तियां प्राप्त हुई जो राष्ट्रीय संग्रहालय दिल्ली में सुरक्षित है!
2.खेल का सामान
अगर राजस्थान की बात की जाए तो राजस्थान में खेल का सर्वाधिक सामान हनुमानगढ़ जिले में बनाया जाता है!
3.तलवाड़ा झील हनुमानगढ़
यह एक ऐसी झील है जो एक नदी द्वारा निर्मित है!हनुमानगढ़ में घग्घर नदी बहती है! इस नदी के द्वारा ही तलवाड़ा झील का निर्माण हुआ!
4.खेरखेड़ा गांव हनुमानगढ़
यह गांव हनुमानगढ़ की टिब्बी तहसील में स्थित है! राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर का प्रवेश इसी गांव से होता है!
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