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जिला दर्शन चूरू... myeduten

०चूरू जिला बीकानेर संभाग में आता है! चूरू जिले की स्थापना 1620 इस्वी में चुहडा जाट ने किया! ०चुरू को 1100 हवेलियों का नगर भी कहते हैं! ०चूरू काले हिरणों के लिए प्रसिद्ध है!(ताल छापर अभ्यारण) ० 8 खंभों की छतरी(सेठ जी की छतरी) चुरू जिले में स्थित है! ० ढोला मारू पेंटिंग(life size painting) का संबंध चुरू जिले से है! ० चूरू जिला हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है! ० "गंगा जी का मठ" चुरू जिले में स्थित है! ० चूरु दूर-दूर तक रेत के टीलों से आच्छादित है,अतः चूरु  टीलों के लिए प्रसिद्ध है! ० टकडेतो की छतरी/हवेली चूरु में है! ०दानचंद्र चोपड़ा की हवेली चूरु जिले में स्थित है! ०कोठारी हवेली चूरु जिले में स्थित है! ०खेमका तथा पारेखो की हवेली चूरु जिले में स्थित है! ० कन्हैयालाल बागला की हवेली चूरु जिले में स्थित है! ० सुराणा हवेली (सुराणा परिवार द्वारा निर्मित 6 मंजिला, कुल खिड़कियों और दरवाजों की संख्या 1100)चूरु जिले में स्थित है! चूरू के प्रमुख मेले 1. भभूतासिद्ध का मेला:_ चंगाई,तारानगर(चूरू) यहां पर भभूतासिद्ध का मंदिर है, जिसमें भाद्रपद शुक्ला सप्तमी को प्रतिवर्ष मेला लगता है! 2. सालासर ब...

जिला दर्शन...जयपुर

                      ०जयपुर को पिंक सिटी(pink city) गुलाबी नगरी भी कहा जाता है! ०जयपुर के लिए पिंक सिटी का प्रयोग सर्वप्रथम स्टैनली रीड नामक अंग्रेज़ ने किया था! ०जयपुर को 'भारत का पेेरिस' कहते है! ०जयपुर को 'भारत का दूसरा वृंदावन' कहा जाता है! ०जयपुर में मंदिरों की अधिकता के कारण जयपुर को "राजस्थान की दूसरी कांसी" भी कहा जाता है! Note. राजस्थान की पहली कांसी बूंदी जिले को कहा जाता है! ०जयपुर शहर का प्राचीन नाम जयनगर था। जिसका मतलब होता है "city of victory" (जीत का शहर)! ०जयपुर शहर की स्थापना 18 नवंबर 1729 इस्वी में सवाई जय सिंह के द्वारा की गई तथा जयपुर शहर का वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य था! ०जयपुर की तुलना विश्व के कई देशों से की जाती है जैसे_ सुंदरता की दृष्टि से जयपुर की तुलना पेरिस से की जाती है! आकर्षण की दृष्टि से जयपुर की तुलना बुडापेस्ट से की जाती है! भव्यता की दृष्टि से जयपुर की तुलना मॉस्को से को जाती है! ०जयपुर का आधुनिक निर्माता सर मिर्जा इस्माइल खा थे! इनको सर की उपाधि अंग्रेजों द्वारा दी गई थी! सर मिर्जा इस्माइल ख...

जिला दर्शन...... बीकानेर

० बीकानेर मैं राठौड़ वंश ने शासन किया! बीकानेर की राठौड़ वंश की शाखा मारवाड़/जोधपुर से अलग हुई थी!मारवाड़ का राजा राव जोधा था, राव जोधा का जेष्ठ पुत्र राव बिका था, राव बिका अपने पिता राव जोधा की आज्ञा से जांगल प्रदेश में आकर नए राज्य की स्थापना करता है, राव बिका के साथ जांगल प्रदेश में उसका भाई कांदल तथा चाचा बिदा भी साथ में आते हैं! ०राव जोधा के आदेश व करणी माता के आशीर्वाद से राव बिका बीकानेर राज्य की स्थापना करते हैं! बीकानेर राज्य की स्थापना 1465 ईस्वी में हुई! इसकी पहली राजधानी  "कोडमदेसर नगर"थी! ०किवदंती  कहा यह भी जाता है कि जब राव बिका जांगल प्रदेश की ओर जाता है,तब उसका पिता राव जोधा राव बिका को एक भेरूजी की मूर्ति देता है और कहता है कि यह मूर्ति जहां भी रुक जाए उस स्थान को केंद्र मानकर बीकानेर राज्य की स्थापना करना! आज भी एक भव्य मंदिर कोडमदेसर भेरू जी के नाम से बना हुआ है! यह भेरुजी बीकानेर के राठौड़ वंश के आराध्य देव कहलाते हैं! ०बीकानेर के राठौड़ वंश की आराध्य देवी करणी माता तथा कुलदेवी नागणेची माता है! note. चारणो  की कुलदेवी करणी माता कहलाती है! ०प्राचीन...

जिला दर्शन....गंगानगर

गंगानगर राजस्थान राज्य का सबसे उत्तरी जिला है,जो बीकानेर संभाग में आता है! गंगानगर का प्राचीन नाम रामनगर था! गंगानगर को 'अन्न का कटोरा' भी कहते हैं! गंगानगर की स्थापना 1927 ईस्वी में हुई !गंगानगर में गंगनहर को लाने का श्रेय बीकानेर के राजा गंगा सिंह को दिया जाता है! गंगानगर: महत्वपूर्ण तथ्य  ०राजस्थान में सर्वाधिक फलों का उत्पादन गंगानगर में होता है!  ०राजस्थान में सर्वाधिक गेहूं का उत्पादन गंगानगर में होता है इसलिए गंगानगर को "अन्न का कटोरा" भी कहते हैं!  ० राजस्थान में सर्वाधिक धूल भरी आंधियां गंगानगर  जिले में आती है! ०राजस्थान में सूर्य की किरणों का सर्वाधिक तिरछापन गंगानगर शहर में पाया जाता है क्योंकि गंगानगर शहर राजस्थान में सबसे उत्तर छोर पर स्थित है! ०राजस्थान का प्रथम निजी आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय गंगानगर शहर में है! ०राजस्थान में न्यूनतम स्थाई चारागाह या गोचर भूमि वाला जिला गंगानगर है! जबकि सर्वाधिक की बात की जाए तो जैसलमेर जिला आता है!   ०भाखड़ा नांगल बांध से सर्वाधिक सिंचाई करने वाला राजस्थान का जिला गंगानगर है! ० सबसे अधिक कृषि उपज मंडीया राजस्थान ...

जिला दर्शन... हनुमानगढ़

हनुमानगढ को प्राचीन सभ्यता की भूमि कहा जाता है ।कालीबंगा,पीलीबंगा,पल्लू आदि सभ्यताएं यहां मिली है।हनुमानगढ़ की ये सभ्यताएं घग्घर नदी के किनारे पर पनपी थी ! हनुमानगढ 12जुलाई 1994 को राजस्थान का 31वा जिला बना था! इसे गंगानगर से अलग करके बनाया गया था! प्राचीन समय में श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ को सम्मिलित रूप से योधय प्रदेश कहा जाता था! क्योंकि पुराने समय में यहां पर युद्ध प्रिय जातियां निवास करती थी! हनुमान गढ़ में एकमात्र बहने वाली नदी,घग्घर नदी है!इस नदी का उदगम हिमाचल प्रदेश में कालिका माता पहाड़ी से होता है! राजस्थान में यह नदी तलवाड़ा गांव के पास टिब्बी तहसील से हनुमानगढ़ में प्रवेश करती है! हनुमानगढ़ से आगे यह नदी श्रीगंगानगर में जाती है। जब भारी वर्षा होती है तब इस नदी का पानी पाकिस्तान के फोर्ट अब्बास तक चला जाता है! घग्घर नदी एक आंतरिक अपवाह प्रणाली की नदी है!बाढ आने पर इसका पानी फोर्ट अब्बास तक पहुंच जाता है! हनुमानगढ़ तथा गंगानगर में घग्घर नदी का अपवाह का भाग नाली प्रदेश कहलाता है! हनुमान गढ़ का किला (भट्टनेर का दुर्ग) मंगलवार के दिन इस दुर्ग पर बीकानेर के राजा सूरज सिंह...