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Rajasthan GK notes..

......................राजस्थान जिला दर्शन.......................... * हनुमानगढ़    * जयपुर    *जोधपुर   *उदयपुर    *राजसमंद * गंगानगर       * चूरू     *सीकर   *नागौर   *झुंझुनू  *बाड़मेर * बीकानेर     * जालोर    *सिरोही  *पाली *अजमेर*भीलवाड़ा *जैसलमेर  *टोंक    *चित्तौड़गढ़      *डूंगरपुर     *प्रतापगढ़ *अलवर    *भरतपुर     *दौसा    *करोली    *सवाई माधोपुर *धौलपुर    *बूंदी     * कोटा   *झालावाड़   *बारा  *बांसवाड़ा ........................राजस्थान के लोक देवता............…........... ........................राजस्थान के लोक देवियां........................ ........................राजस्थान के संत संप्रदाय........................ ...........................राजस्थान के त्यौहार........................... ............................राजस...

जिला दर्शन चूरू... myeduten

०चूरू जिला बीकानेर संभाग में आता है! चूरू जिले की स्थापना 1620 इस्वी में चुहडा जाट ने किया! ०चुरू को 1100 हवेलियों का नगर भी कहते हैं! ०चूरू काले हिरणों के लिए प्रसिद्ध है!(ताल छापर अभ्यारण) ० 8 खंभों की छतरी(सेठ जी की छतरी) चुरू जिले में स्थित है! ० ढोला मारू पेंटिंग(life size painting) का संबंध चुरू जिले से है! ० चूरू जिला हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है! ० "गंगा जी का मठ" चुरू जिले में स्थित है! ० चूरु दूर-दूर तक रेत के टीलों से आच्छादित है,अतः चूरु  टीलों के लिए प्रसिद्ध है! ० टकडेतो की छतरी/हवेली चूरु में है! ०दानचंद्र चोपड़ा की हवेली चूरु जिले में स्थित है! ०कोठारी हवेली चूरु जिले में स्थित है! ०खेमका तथा पारेखो की हवेली चूरु जिले में स्थित है! ० कन्हैयालाल बागला की हवेली चूरु जिले में स्थित है! ० सुराणा हवेली (सुराणा परिवार द्वारा निर्मित 6 मंजिला, कुल खिड़कियों और दरवाजों की संख्या 1100)चूरु जिले में स्थित है! चूरू के प्रमुख मेले 1. भभूतासिद्ध का मेला:_ चंगाई,तारानगर(चूरू) यहां पर भभूतासिद्ध का मंदिर है, जिसमें भाद्रपद शुक्ला सप्तमी को प्रतिवर्ष मेला लगता है! 2. सालासर ब...

जिला दर्शन जालौर..rpsc,rsmssb आधारित नोट्स

०जालौर का पुराना नाम जबालीपुर था! जालौर जबाली ऋषि की तपोभूमि था, इसी कारण जालौर को जबालीपुर कहा जाता था! इसका उल्लेख बिजोलिया शिलालेख में मिलता है! ०जालौर सुकड़ी नदी के किनारे स्थित है! ०जालौर पर प्रतिहार, परमार व चौहान आदि वंश ने शासन किया था!  ०जालौर को ग्रेनाइट सिटी भी कहते हैं, क्योंकि ग्रेनाइट का सर्वाधिक उत्पादन  राजस्थान में जालौर जिले में होता है! ०जालौर को सुवर्णगिरी भी कहते हैं! ०अलाउद्दीन खिलजी ने जालौर का नाम जलालाबाद रखा था! ०डॉ दशरथ शर्मा के अनुसार प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम ने जालौर को अपनी राजधानी बनाया तथा जालोर दुर्ग का निर्माण भी नागभट्ट प्रथम ने किया था! ०भीनमाल जालौर जिले के अंतर्गत आता है, प्राचीन काल में भीनमाल को बिजोलिया शिलालेख के अनुसार "श्रीमाल" कहा जाता था! ०ब्रह्मगुप्त का जन्म भीनमाल में हुआ था, ब्रह्मगुप्त प्रसिद्ध  खगोलविद थे! इनकी प्रसिद्ध रचना का नाम " ब्रह्मस्पुटसिद्धांत" है! ०महाकवि माघ का जन्म भी भीनमाल में हुआ, इनकी प्रमुख रचना का नाम "शिशुपालवध" है! ०सुवर्णगिरी या कनकाचल पहाड़ी जालौर जिले में स्थित है, इसी पहाड़ी के...

राजस्थान का एकीकरण सम्पूर्ण घटनाक्रम.. myeduten

०राजस्थान का एकीकरण ०लॉर्ड माउंट बेटन योजना:_यह योजना भारत में 4जुलाई 1947 को लागू हुई थी, इसके तहत 2 नवीन राष्ट्र बनाए जाने थे_    1.भारत  2.पाकिस्तान ०भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947:_ इस अधिनियम की धारा 8 अनुसार कोई भी रियासत अपनी मर्ज़ी से भारत अथवा पाकिस्तान में मिल सकती थी और रियासत चाहे तो वो अपना स्वतंत्र अस्तित्व भी रख सकती थी। ०रियासती विभाग:_गठन 5 जुलाई 1947 को अध्यक्ष:_सरदार वल्लभभाई पटेल सचिव:_ वी.पी. मैनन उद्देश्य:_जो रियासत भारत में अपना विलय चाहती है, वह भारतीय विलय पत्र पर अपना हस्ताक्षर करें। विलय पत्र के अनुसार जो रियासत भारत में मिलती है, उसमें रक्षा, संचार, विदेशी मामले, भारत सरकार के अधीन होंगे तथा शेष कार्य के लिए रियासतें स्वतंत्र होगी। ०राजस्थान में सर्वप्रथम विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली रियासत बीकानेर रियासत थी(07 अगस्त 1947) को। इस समय बीकानेर के तात्कालिक महाराजा सार्दुल सिंह थे। ० बांसवाड़ा के राजा चंद्रवीर सिंह ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते समय कहा की "मैं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूं" ०मारवाड़ /जोधपुर के शासक हनुवंत सिंह अपनी र...

जिला दर्शन...जयपुर

                      ०जयपुर को पिंक सिटी(pink city) गुलाबी नगरी भी कहा जाता है! ०जयपुर के लिए पिंक सिटी का प्रयोग सर्वप्रथम स्टैनली रीड नामक अंग्रेज़ ने किया था! ०जयपुर को 'भारत का पेेरिस' कहते है! ०जयपुर को 'भारत का दूसरा वृंदावन' कहा जाता है! ०जयपुर में मंदिरों की अधिकता के कारण जयपुर को "राजस्थान की दूसरी कांसी" भी कहा जाता है! Note. राजस्थान की पहली कांसी बूंदी जिले को कहा जाता है! ०जयपुर शहर का प्राचीन नाम जयनगर था। जिसका मतलब होता है "city of victory" (जीत का शहर)! ०जयपुर शहर की स्थापना 18 नवंबर 1729 इस्वी में सवाई जय सिंह के द्वारा की गई तथा जयपुर शहर का वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य था! ०जयपुर की तुलना विश्व के कई देशों से की जाती है जैसे_ सुंदरता की दृष्टि से जयपुर की तुलना पेरिस से की जाती है! आकर्षण की दृष्टि से जयपुर की तुलना बुडापेस्ट से की जाती है! भव्यता की दृष्टि से जयपुर की तुलना मॉस्को से को जाती है! ०जयपुर का आधुनिक निर्माता सर मिर्जा इस्माइल खा थे! इनको सर की उपाधि अंग्रेजों द्वारा दी गई थी! सर मिर्जा इस्माइल ख...

जिला दर्शन... हनुमानगढ़

हनुमानगढ को प्राचीन सभ्यता की भूमि कहा जाता है ।कालीबंगा,पीलीबंगा,पल्लू आदि सभ्यताएं यहां मिली है।हनुमानगढ़ की ये सभ्यताएं घग्घर नदी के किनारे पर पनपी थी ! हनुमानगढ 12जुलाई 1994 को राजस्थान का 31वा जिला बना था! इसे गंगानगर से अलग करके बनाया गया था! प्राचीन समय में श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ को सम्मिलित रूप से योधय प्रदेश कहा जाता था! क्योंकि पुराने समय में यहां पर युद्ध प्रिय जातियां निवास करती थी! हनुमान गढ़ में एकमात्र बहने वाली नदी,घग्घर नदी है!इस नदी का उदगम हिमाचल प्रदेश में कालिका माता पहाड़ी से होता है! राजस्थान में यह नदी तलवाड़ा गांव के पास टिब्बी तहसील से हनुमानगढ़ में प्रवेश करती है! हनुमानगढ़ से आगे यह नदी श्रीगंगानगर में जाती है। जब भारी वर्षा होती है तब इस नदी का पानी पाकिस्तान के फोर्ट अब्बास तक चला जाता है! घग्घर नदी एक आंतरिक अपवाह प्रणाली की नदी है!बाढ आने पर इसका पानी फोर्ट अब्बास तक पहुंच जाता है! हनुमानगढ़ तथा गंगानगर में घग्घर नदी का अपवाह का भाग नाली प्रदेश कहलाता है! हनुमान गढ़ का किला (भट्टनेर का दुर्ग) मंगलवार के दिन इस दुर्ग पर बीकानेर के राजा सूरज सिंह...